
टौणी देवी में मनाया गया रेड क्रॉस दिवस… सेवा, सहानुभूति और मानवता का संदेश
रजनीश शर्मा | टौणी देवी / हमीरपुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस एवं विश्व थैलेसिमिया दिवस आज अत्यंत उत्साह, गरिमा और उद्देश्यपूर्ण भावनाओं के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम की शुरुआत रेड क्रॉस की शपथ के साथ हुई, जिसमें सेवा, करुणा और सहानुभूति जैसे मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया। तत्पश्चात, रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी डुनैंट को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “रेड क्रॉस एक वैश्विक आंदोलन है जो हमें निःस्वार्थ सेवा और मानवीय मूल्यों की सीख देता है। आज का दिन इन आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लेने का दिन है।
विद्यालय स्तर पर इस दिवस का आयोजन हमारे विद्यार्थियों में इन मूल्यों की स्थायी स्थापना की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की सराहना की और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे जूनियर रेड क्रॉस क्लब की गतिविधियों में सशक्त भागीदारी करें ताकि यह मंच समाज के प्रति जागरूकता, सेवा और सहानुभूति का सशक्त माध्यम बन सके। उन्होंने यह भी प्रस्तावित किया कि इस सत्र से विद्यालय में रेड क्रॉस प्रमाणित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिससे छात्र न केवल आत्मनिर्भर बनें, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी समर्थ हों। नोडल अधिकारी राजेश कुमार ने रेड क्रॉस की स्थापना, उद्देश्य और वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह संस्था आपदाओं, युद्धों और स्वास्थ्य संकटों में पीड़ितों की निःस्वार्थ सहायता करती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विद्यालय का जूनियर रेड क्रॉस क्लब पहले से सक्रिय है और समय-समय पर छात्रों व समुदाय को स्वास्थ्य, स्वच्छता और आपदा राहत के विषयों में जागरूक करता रहा है।
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आगामी महीनों में रेड क्रॉस क्लब के तहत रक्तदान जागरूकता, प्राथमिक उपचार कार्यशालाएं और सेवाभाव पर आधारित प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विविध गतिविधियों के माध्यम से रेड क्रॉस के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया। पोस्टर मेकिंग, नारा लेखन, भाषण प्रतियोगिता से सभी को सेवा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। कक्षा 11 के छात्र साहिल ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा, रेड क्रॉस एक विचार है, जो हर व्यक्ति के भीतर मानवीयता को जगाता है। यह दिवस हमें स्मरण कराता है कि संकट की घड़ी में हमारी एक छोटी सी सहायता किसी के लिए जीवनदायी बन सकती है। वहीं छात्रा प्रियांशु और बीएड प्रशिक्षु महक ने रेड क्रॉस की स्थापना, उद्देश्य और वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह संस्था आपदाओं, युद्धों और स्वास्थ्य संकटों में पीड़ितों की निःस्वार्थ सहायता करती है।
इसके साथ ही जीव विज्ञान प्रवक्ता हेम लाल ने विश्व थैलेसीमिया दिवस पर छात्रों को जागरूक करते हुए कहा कि थैलेसीमिया केवल एक रोग नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने का भी अवसर है। यह एक गंभीर अनुवांशिक रक्त विकार है, जो माता-पिता से संतान में पहुंचता है। यदि समय रहते थैलेसीमिया की जांच और सही जानकारी दी जाए, तो हम अगली पीढ़ी को इस बीमारी से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विवाह से पूर्व थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि दो थैलेसीमिया माइनर व्यक्तियों के विवाह से जन्म लेने वाले शिशु को थैलेसीमिया मेजर की गंभीर स्थिति से बचाया जा सके। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस संदेश को समाज में फैलाएं और लोगों को रक्तदान व जागरूकता के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जानकारी ही बचाव है और सजगता ही सुरक्षा है।