
हिमाचल : जॉब ट्रेनी की दो साल में सीखे काम के आधार पर होगी परीक्षा
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में भर्ती किए जाने वाले जॉब ट्रेनी की दो साल में सीखे गए काम के आधार पर परीक्षा होगी। प्रदेश सरकार से नामित एजेंसी और प्रशासनिक अधिकारी इस परीक्षा का स्वरूप और पाठ्यक्रम तय करेंगे। हर पद की कार्य प्रकृति के अनुसार परीक्षा में ज्ञान जांचा जाएगा। परीक्षा पास करने वाले ही नियमित होने के लिए पात्र होंगे। 14 मई 2025 के बाद जारी भर्ती विज्ञापनों पर होने वाली हर नियुक्ति के लिए दक्षता परीक्षा देना अनिवार्य रहेगा।
कार्मिक विभाग की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जॉब ट्रेनी योजना के नियुक्त सभी उम्मीदवारों को दो वर्षों की नौकरी प्रशिक्षु अवधि पूरी करनी होगी। इस दौरान उन्हें संबंधित विभागों में कार्य का व्यावहारिक अनुभव और आवश्यक कौशल प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि पूर्ण होने के बाद उम्मीदवारों को एक पात्रता परीक्षा या दक्षता परीक्षा पास करनी होगी, जो उनकी नौकरी से संबंधित कार्यकुशलता और ज्ञान को परखेगी।
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बता दें की इस परीक्षा को पास करना नियमित वेतनमान पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य होगा। जब तक उम्मीदवार यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करते, तब तक उन्हें स्थायी सरकारी कर्मचारी के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा। कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह परीक्षा सरकार द्वारा नामित किसी अधिकृत परीक्षा एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी। परीक्षा का स्वरूप, पाठ्यक्रम एवं अन्य विवरण प्रशासनिक प्राधिकारी की ओर से परीक्षा एजेंसी से परामर्श के बाद निर्धारित किए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा प्रत्येक पद की कार्य प्रकृति के अनुसार उपयुक्त और व्यावहारिक हो।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में जॉब ट्रेनी पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में ग्रुप-ए, बी, और सी के पदों पर नई भर्तियों के लिए उम्मीदवारों को पहले दो साल तक जॉब ट्रेनी के रूप में काम करना होगा। इस पॉलिसी के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
चयनित उम्मीदवारों को दो साल की प्रशिक्षण अवधि पूरी करनी होगी, जिस दौरान वे नियमित सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। इस दौरान उन्हें एक निश्चित मासिक राशि दी जाएगी।
वहीं, ट्रेनी अवधि में कर्मचारियों को पेंशन, अवकाश नियम, या अन्य भत्तों की सुविधा नहीं मिलेगी। हालांकि, हिमकेयर या आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। ट्रेनी को सीमित छुट्टियां जैसे एक महीने की सेवा के बाद एक दिन की कैजुअल लीव, साल में 10 दिन की मेडिकल लीव, और पांच दिन की स्पेशल लीव मिलेगी। महिला ट्रेनी को मातृत्व अवकाश (180 दिन) और गर्भपात की स्थिति में 45 दिन की विशेष छुट्टी मिलेगी। दो साल की ट्रेनी अवधि के बाद उम्मीदवारों को दक्षता परीक्षा पास करनी होगी, जिसका पाठ्यक्रम संबंधित विभाग तय करेगा। परीक्षा पास करने के बाद ही नियमित नियुक्ति संभव होगी।