पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 287 अस्पताल और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 278 अस्पताल इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए रजिस्टर हैं। आयुष्मान व हिम केयर कार्ड के जरिए सैकड़ों लोग निशुल्क इलाज करवा रहे हैं। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार और रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि गत तीन सालों से 15 नवंबर 2023 तक आयुष्मान भारत योजना और हिम केयर योजना के जरिए इलाज पर करीब 811.25 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई है। इसके तहत साल 2021-22 में आयुष्मान भारत योजना पर 71.03 करोड़ रुपए और हिम केयर पर 96.73 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। साल 2022-23 में आयुष्मान भारत कार्ड पर 80.84 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर कार्ड पर 262.54 करोड़ रुपए का खर्च आया है। वहीं, 2023-24 में आयुष्मान भारत योजना पर 54.10 करोड़ रुपए, जबकि हिम केयर पर 246.01 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
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स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि पिछले तीन सालों में 15 नंवबर 2023 तक आयुष्मान कार्ड पर कुल 205.97 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि हिम केयर कार्ड पर 605.28 करोड़ रुपए का खर्च आया है। वहीं, दिसंबर 2022 से 15 नवंबर 2023 तक 430.56 करोड़ रुपए की धनराशि विभिन्न बीमारियों के इलाज पर खर्च की गई। जिसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत 79.12 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत 351.44 करोड़ खर्च किए गए हैंं। दोनों योजनाओं के तहत विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 430.56 करोड़ खर्च किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग की 218.34 करोड़ रुपए की देनदारियां सूचीबद्ध अस्पतालों में लंबित हैं। जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना की 28.02 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री हिम केयर की 190.32 करोड़ रुपए की कुल 218.34 करोड़ की देनदारियां अभी लंबित हैं। गौरतलब है कि इन योजनाओं के तहत रजिस्टर अस्पतालों द्वारा निशुल्क इलाज करना और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्लेमों की अदायगी करना एक निरंतर प्रक्रिया है।