
भारतीय संसद में तानाशाही रवैया लोकतंत्र के घातक.. संदीप सांख्यान
अधिनायकवादी रवैया बर्दाश्त नही हो सकता… संदीप सांख्यान
नेहा वर्मा | हमीरपुर
जैसे ही लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे है केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया सामने आ रहा है। संसद में जिस तरह से बेरोजगार अंदर घुसे वह केंद्र सरकार के लिए शर्मशार करने वाली घटना है। संसद में मुद्दे उठाने पर विपक्ष के सांसदों का निलंबन लोकतंत्र के घातक है यह कहना है हमीरपुर संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप सांख्यान का। उन्होंने कहा देश में दो दिन पहले देश के सांसदों को जिस तरह से निलंबल किया गया है वो काला दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है।
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संदीप सांख्यान ने कहा कि मंगलवार को निलंबित किए गए सांसदों को मिलाकर अब तक निलंबित हुए सांसदों की संख्या 141 पर पहुंच गई है। इनमें 95 लोकसभा और 46 राज्यसभा के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन कभी नहीं हुआ था। जो लोकतंत्र में असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार चाहती है कि विपक्ष मुक्त हो, इसीलिए केंद्र सरकार ने ये कदम उठाया है। केंद्र की सरकार अधिनायकवादी रवैया अपना रही है जो देश की जनता को कभी स्वीकार नहीं हो सकता।
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केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है। संसद में दो लोगों के घुस आने की घटना के बाद इस पर जब सांसदों ने बहस की मांग की थी तो निलबंन का कदम उठाना अति अलोकतांत्रिक है। संदीप सांख्यान ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार मनमानी पर उतर आई है वह बेहद अहम बिलों को बगैर बहस के मनमाने ढंग से पारित कराना चाहती थी इसीलिए वो सदन में विपक्षी सांसदों को नहीं देखना चाहती है। यदि संसद में बहस ही नहीं होगी तो लोकतांत्रिक व्यवस्था रह ही कहाँ जाती है। यह देश के संविधान से भी खिलवाड़ है और जनभावनाओं से भी खिलवाड़ है।