
Diksha Thakur | Pol khol News Desk
पौड़ीवाला शिव मंदिर/ सिरमौर
देवभूमि हिमाचल में कई शिवालय हैं। जिला सिरमौर के नाहन में एक ऐसा मंदिर है जो बेहद खास है। इस मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है। जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र के आमवाला सैनवाला गांव के समीप पांवटा साहिब-कालाअंब एनएच से दो किलोमीटर दूर प्राचीन शिव मंदिर पौड़ीवाला स्थित है। पौड़ीवाला शिवालय में शिवरात्रि पर्व पर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने पौड़ीवाला मंदिर में भगवान शिव की तपस्या की थी। पौड़ीवाला मंदिर को कैलाश जाने का रास्ता बताया गया है।
मंदिर का इतिहास
पौड़ीवाला शिव मंदिर का इतिहास रावण से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि रावण ने अमरता प्राप्त करने के लिए भगवान आशुतोष का तप किया था। तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि यदि वह एक दिन में पांच पौडिय़ां स्वर्ग के लिए बना देगा तो उसे अमरता का वरदान प्रदान किया जाएगा। मान्यता के अनुसार एक बार भगवान शंकर स्वर्ग जा रहे थे तो उन्होंने पहला पांव हर की पौड़ी हरिद्वार, दूसरा पांव जिला मुख्यालय नाहन के पौड़ीवाला, तीसरा पांव चूड़धार और चौथा पांव किन्नर कैलाश पर्वत पर रखा था। जब रावण पांचवीं पौड़ी बना रहा था तो उसे नींद आ गई। जब वह जागा तो सुबह हो चुकी थी।
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स्वर्ग की सीढ़ी का राज
रावण भले ही बहुत बड़ा ज्ञानी था, लेकिन वह बाहुबल पर अत्यधिक घमंड करता था, और अपनी शक्ति का निरंतर विस्तार करने की कोशिश में लगा रहता था। उसने अमर होने के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की जिससे भगवान शिव प्रसन्न हुए। भोलेनाथ ने वर देते हुए एक शर्त रखी कि अगर रावण एक दिन में पांच पौड़ियां यानी सीढ़ियों बना लेता है तो उसे अमरता प्राप्त हो जाएगी।
शर्त के अनुसार रावण पौढ़ियां बनाने में लग लग गया लेकिन वो सिर्फ चार ही सीढ़ी बना पाया, क्योंकि सीढ़ी बनाते-बनाते उसकी नींद आ गई थी और वो पांचवी पौड़ी का निर्माण नहीं कर पाया था। इस तरह उसके उससे स्वर्ग जाने और अमरता प्राप्त करने का सपना अधूरा रह गया। मान्यता के अनुसार रावण ने दूसरी सीढ़ी का निर्माण निम्मलिखित स्थानों में किया था।
हर की पौड़ी
पौराणिक मान्यता के अनुसार रावण ने स्वर्ग जाने की पहली सीढ़ी हरिद्वार (उत्तराखंड) के ‘हर की पौड़ी’ नामक स्थान पर बनाई थी। इसलिए इस स्थल के नाम से साथ पौड़ी शब्द जुड़ा है। ‘हर की पौड़ी’ हरिद्वार का मुख्य धार्मिक आकर्षण है, जहां रोजाना सैकड़ो श्रद्धालुओं का आगमन होता है। खासकर सावन मास के दौरान यहां लाखों की तादाद में शिवभक्तों का आगमन होता है। यह एक पवित्र गंगा घाट के नाम से जाना जाता है, जहां स्नान के लिए देश-विदेश श्रद्धालु आते हैं। यहां की शाम की गंगा आरती बहुत प्रसिद्ध है।
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पौड़ीवाला
पौराणिक मान्यता के अनुसार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में स्थित पौड़ीवाला वो स्थान है, जहां रावण ने स्वर्ग की दूसरी सीढी का निर्माण किया था। यहां भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है, जो पौड़ीवाला शिव मंदिर ने नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इसी प्रकार के एक मंदिर का उल्लेख रामायण काल के एक मदिर के रूप में किया गया है। इसलिए इस स्थल को रावण द्वारा बनाई गई दूसरी सीढ़ी वाले स्थल के रूप में की जाती है।
भक्तों का लगा रहता है तांता
पौड़ीवाला शिव मंदिर में शिवरात्रि तथा सावन के महीने में श्रद्धालु गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यहां पर श्रद्धालुओं के लिए कमेटी की ओर से भंडारे का प्रबंध भी किया जाता है। वर्ष भर लोग यहां पर दूर-दूर से भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं।