
Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
गसोता महादेव मंदिर/ हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के ऐतिहासिक गसोता महादेव शिव मंदिर का खास महत्व है। हजारों साल पुराना शिवलिंग लोगों की आस्था का केंद्र है। देशभर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए गसोता महादेव में शिवलिंग की पूजा करने पहुंचते हैं। गसोता महादेव के पवित्र स्थल का नाम पुराणों में पांडव काल से जुड़ा हुआ है।
पुराणों के अनुसार पाडवों ने अज्ञातवास के दौरान गसोता महादेव मंदिर में कुछ समयव्यतीत किया था, जिसके चलते आज भी गसोता महादेव मंदिर में लोगों की आस्था कूट-कूट कर भरी है। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए लंगर की बेहतर सुविधा हर दिन होती है। यहां पर गोशाला भी हैं, जिसमें गायों के लिए लोग स्वेच्छा से घास व अन्य सामग्री दान करते हैं। गसोता महादेव मंदिर के पुजारी महंत राघवानंद गिरी ने बताया कि मंदिर लोगों की प्राचीन आस्था का केंद्र हैं। गसोता महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
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गसोता महादेव का इतिहास
गसोता महादेव मंदिर में शिवलिंग हजारों साल से स्थापित है। जनश्रुति के अनुसार एक बार एक किसान गसोता गांव में अपने खेत में हल जोत रहा था। उस दौरान हल किसी वस्तु से टकराया तो वहां जलधारा निकली। बाद में दोबारा हल टकराया तो दूध निकला। तीसरी बार जब हल टकराया तो खून निकला तो किसान की आंखों की रोशनी चली गई। बाद में किसान को इस संदर्भ में आए सपने के अनुसार वहां स्वयंभू शिवलिंग निकला तथा उसे स्थापित करने के लिए कहा गया। ग्रामीणों के सहयोग से किसान ने इसे गसोता में शिवलिंग स्थापित किया तथा अपने लिए अभयदान मांगा जो पूरा हुआ।
गदा के प्रहार से फूटा जलस्नेत
जनश्रुति के मुताबिक पांडव अज्ञात वास के दौरान जगह की तलाश कर रहे थे। वहां पर भीम ने घराट चलाने की सोची। वह जब रात को ब्यास नदी के पानी को मोड़ कर कूहल से घराट की तरफ लाने लगे तो किसी के आने की आवाज का आभास हुआ। उन्होंने सोचा की सुबह हो गई है। भीम घराट का सारा सामान बारी गांव में फेंक कर चल दिए। इसके बाद पांडव गसोता गांव पहुंचे व जंगल होने के कारण वहां गाय पालने लगे। एक बार वहां सूखा पड़ा और गाय तड़पने लगी। भीम ने भूमि पर गदा से प्रहार किया तो वहां जलस्रोत फूट पड़ा जो गसोता महादेव में सदियों से बह रहा है।
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ऐसे पहुंचें गसोता महादेव मंदिर
यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हमीरपुर जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर है। हमीरपुर से गसोता महादेव मंदिर जाने के लिए सुविधा उपलब्ध है। हमीरपुर बस सेवा द्वारा दिल्ली, अमृतसर, देहरादून, हरिद्वार, अम्बाला, चंडीगढ़ सहित अन्य प्रमुख शहरों जुड़ा हुआ है। हमीरपुर से नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 70 किलोमीटर दूर ऊना में है। हमीरपुर से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 83 किलोमीटर दूर कांगड़ा का गग्गल हवाई अड्डा है।