
नेहा वर्मा | हमीरपुर
कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर द्वारा बमसन तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव सिसवा में प्राकृतिक खेती विषय के ऊपर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 20 और 21 दिसंबर को किया गया, जिसमें स्थानीय 65 किसानों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण शिविर में सभी प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी गई और प्रकृति खेती के विभिन्न घटक जीवामृत, बीजामृत तथा गंज जीवामृत बनाने की विधि प्रदर्शित की गई तथा फसल को कीड़ों तथा बीमारियों से बचने के लिए इस्तेमाल में ले जाने वाले विभिन्न जैविक सूत्रों को बनाने का तरीका भी बताया गया।
इस शिविर के दौरान इलाके के विभिन्न किसान जो प्राकृतिक खेती पद्धति के द्वारा खेती कर रहे हैं उन्होंने अपने विभिन्न उत्पाद जैसे कद्दू पेठा, मूली, प्याज, अदरक, धनिया तथा पोषक अनाज (मिलेट) भी प्रदर्शित किए। इसी के साथ प्राकृतिक खेती के प्रगतिशील किसान तथा मास्टर ट्रेनर ललित कालिया ने किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा किया तथा विभिन्न सूत्र जैसे जीवामृत, बीजामृत बनाने की विधि भी किसानों को प्रदर्शित की।
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शिविर के दौरान पशुपालन विभाग से डॉ विश्वदीप ने किसानों को पशुपालन संबंधी जानकारी देते हुए विभाग द्वारा चलाई जारी विभिन्न स्कीमों के बारे में भी किसानों को करवाया। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले किसानों को शिविर के अंत में सम्मानित किया गया। रेखा डोगरा द्वारा किसानों को स्थानीय फलों तथा सब्जियों के मूल्य वर्धन के बारे में भी जानकारी दी गई तथा शिविर के दौरान पपीते के मिष्ठान बनाने की ट्रेनिंग भी दी गई। शिवालय एफपीओ बारी की सीईओ बबिता चौहान ने एफपीओ बारे जानकारी दी।
समापन समारोह में अनिल ट्रेडिंग फॉर्म से अनिल शर्मा के सौजन्य से स्थानीय बागबानों को फलों के संरक्षण हेतु हेलनेट भी वितरित किए गए। कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर से आए डॉ नवनीत तथा रेखा डोगरा ने कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए एफपीओ प्रधान राकेश चौहान का धन्यवाद किया तथा सभी प्रतिभागियों से 2 दिन के शिविर के दौरान बताई गई जानकारी का सही उपयोग कर प्राकृतिक खेती अपनाने का आवाहन किया।
इस अवसर पर पंचायत प्रधान पवन शर्मा, पूर्व प्रधान सतपाल शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, विद्यासागर, स्वरूप सिंह, राकेश कुमार सहित अनेक प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।