
Happy Lohri 2025 : आखिर कौन था दुल्ला भट्टी वाला, जानिए कहानी लोहड़ी की
पोल खोल न्यूज़ डेस्क | हमीरपुर
देश के कई हिस्सों में आज लोहड़ी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी को दुल्ला भट्टी की एक कहानी से भी जोड़ा जाता है। लोहड़ी के सभी गाने दुल्ला भट्टी से ही जुड़े हैं तथा यह भी कह सकते हैं कि लोहड़ी के गानों का केंद्रबिंदु दुल्ला भट्टी को ही बनाया जाता है।
यह लोककथा दुल्ला भट्टी की है, जो मुगलों के समय में एक बहादुर योद्धा था और जिसने मुगलों के बढ़ते जुल्म के खिलाफ कदम उठाया। दुल्ला भट्टी भारत के मध्यकाल का एक वीर था, जो मुगल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे ‘पंजाब के नायक’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय संदल बार की जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बलपूर्वक अमीर लोगों को बेचा जाता था। उन दोनों लड़कियों की सगाई कहीं और तय हुई थी और उस मुगल शासक के डर से उनके भावी ससुराल वाले इस शादी के लिए तैयार नहीं थे।
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लेकिन दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न ही मुक्त करवाया बल्कि दुल्ला भट्टी ने ब्राह्मण की मदद की और मुसीबत की इस घडी में लड़के वालों को मनाकर एक जंगल में आग जलाकर सुंदरी और मुंदरी की शादी हिन्दू लड़कों से करवाई और खुद ही उन दोनों का कन्यादान भी किया और शगुन स्वरूप उनको शकर दी थी। इस तरह उनकी शादी की सभी व्यवस्थाएं दूल्ले ने करवाईं।
तब से लोकनायक दुल्ला भट्टी की अमरता से जुड़ी यह कहानी पंजाब के लोकप्रिय पर्व लोहड़ी को जलते अलाव के साथ-साथ वहां के बुजुर्ग इसे बयां करना नहीं भूलते। लोहड़ी का यह खास पर्व उत्तर भारत, खास कर पंजाब में लोहड़ी का त्योहार, जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का बेहतरीन उत्सव है।