
Himachal : एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत, दबे 100 से ज्यादा वाहन
पोल खोल न्यूज़ | मंडी/ शिमला
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में फिर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। बता दें कि मंडी शहर में सोमवार देर रात लगभग 3 बजे बादल फटने से करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में कहर बरपा है। बादल फटने से आई बाढ़ में फंसे ऑटो को निकालने के चक्कर में मां-बेटे और देवर ने जान गंवा दी। घरों के भीतर मलबे में फंसे 32 से ज्यादा लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने बताया कि मंडी के जेल रोड से करीब 400 मीटर ऊपर गंधर्व जंगल में बादल फटने से तबाही मची है।
जेल रोड, जोनल अस्पताल से सटी दौला कॉलोनी, सैण मोहल्ले और तुंगल कॉलोनी में 100 से ज्यादा बाइक, स्कूटी, ऑटो और कारों समेत अन्य बड़े वाहन मलबे में दब गए। 50 से ज्यादा घरों व दुकानों में मलबा, लकड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर घुस गए। कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। प्रशासन ने 22 पीड़ितों को पड्डल स्थित गुरुद्वारा में ठहराया है। मंडी के जेल रोड पर बाढ़ में फंसे ऑटो को सुरक्षित जगह पर ले जाते हुए पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के परिवार के तीन लोगों की बाढ़ के पानी में बह जाने से मौत हो गई। मृतकों में सपना कुमारी (47), उनका बेटा अमनप्रीत (25) और देवर बलवीर सिंह (45) शामिल हैं। महिला का शव घर के पास कारों के नीचे दबा हुआ था। इसे रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर बरामद किया। अमनप्रीत और बलवीर का शव घटना स्थल से 50 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। सपना के पति दर्शन सिंह भी साथ थे, लेकिन वह बाल-बाच बच गए।
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वहीं, तुंगल काॅलोनी में एक घर में पानी घुसने से महिला समेत तीन लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। कल्याण धाम आश्रम के साथ लगते नाले ने भी खूब तबाही मचाई। गली में पानी डायवर्ट होने से पिकअप जीप समेत 30 बाइक और स्कूटी मंडी-रिवालसर सड़क पर मलबे में दब गए। जोनल अस्पताल के पास और पैलेस काॅलोनी-2 के सैण मोहल्ले में जीरो प्वाइंट नाले ने भी कहर मचाया। यहां भी पानी और मलबा कई घरों में घुस गया। कई कारें मलबे में दब गईं। बाढ़ में बही कारें मकानों की छतों पर जा पहुंचीं। करीब 500 से ज्यादा कारें सैण मोहल्ले में रास्ते बंद होने से पार्किंग में ही फंस गईं। सुबह करीब 8:00 बजे उपायुक्त अपूर्व देवगन ने नुकसान का जायजा लिया। मौके पर एनडीआएफ, एसडीआरएफ, पुलिस समेत अन्य दलों ने रेस्क्यू अभियान चलाया। करीब 10 बजे मंडी-रिवालसर सड़क पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी शहर में बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है और प्रशासन को प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। वहीं, पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बाढ़ से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।
हिमाचल में मंगलवार शाम तक 380 से ज्यादा सड़कें, 182 बिजली ट्रांसफार्मर और 179 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। कुल्लू और कांगड़ा में हवाई उड़ानें बाधित रहीं। भारी बारिश के चलते मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। मंडी जिला में 259 सड़कें, 172 बिजली ट्रांसफार्मर और 47 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी-कुल्लू के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन की वजह से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे करीब 15 घंटे ठप रहा।
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मंगलवार शाम 5:00 बजे जोगनी मोड़ के पास इस हाईवे पर वनवे ट्रैफिक बहाल हो पाया।उधर, जिला कांगड़ा के शाहपुर की पंचायत हार वोह से लगभग 30 किलोमीटर दूर शिव दरूणी स्थित छतरी मूला जोत में बिजली गिरने से 90 भेड़-बकरियाें की मौत हो गई। मंडी से जोगिंद्रनगर तक जगह-जगह भूस्खलन के कारण मंडी-पठानकोट एनएच भी बाधित रहा। कांगड़ा में भी पठानकोट-मंडी एनएच 32 मील और भाली के पास भूस्खलन के कारण सुबह 6 बजे से 11 बजे तक बंद रहा। कुल्लू जिले में 47 सड़कों पर यातायात बंद है। चंबा में भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत जिले के 71 मार्ग बंद हैं। हमीरपुर में सोमवार रात से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह तक जारी रही। यहां तीन कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऊना जिले में सोमवार रात से बारिश का दौर शुरू हुआ और मंगलवार सुबह तक जारी रहा।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बुधवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।