
हिमाचल प्रदेश: पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी, जानें मौसम अपडेट
पोल खोल न्यूज़। शिमला/धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में वीरवार को भारी बारिश दर्ज की गई। वहीं, रोहतांग के साथ ऊंची चोटियों पर वीरवार को बर्फबारी भी हुई। उधर, खपीन जोत में पत्थर गिरने से शाहपुर के भेड़पालक की मौत हो गई। कुल्लू के सैंज में पिन पार्वती नदी में बाढ़ आने से शाक्टी मरोड़ को जोड़ने वाले पैदल रास्तों पर बनीं छह पुलियां बह गई हैं। वीरवार शाम तक प्रदेश में 291 सड़कें, 416 बिजली के ट्रांसफार्मर और 219 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। उधर, मनाली-लेह मार्ग पर 24 घंटे बाद भी बड़े वाहनों की आवाजाही ठप है, ऐसे में मनाली से लेह की तरफ जाने वाले करीब 300 ट्रक रास्ते में फंस गए हैं।
बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शुक्रवार को यानी आज पांच जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 6 अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है। मुल्थान तहसील की दोनों मुख्य सड़कें मुल्थान-बड़ाग्रां व मुल्थान-बरोट-लोहरड़ी ल्हासे गिरने के कारण बंद हो गई हैं।
ब्यास के साथ पिन पार्वती, पार्वती, सरवरी खड्ड सहित तमाम नदी-नाले ऊफान पर हैं। बिहाली के पास लारजी-सैंज सड़क का हिस्सा नदी में बह गया और बड़े वाहनों के अवरुद्ध हो गया है। ऊना जिले में वीरवार को लगातार चौथे दिन भी बारिश हुई। मंडी जिले के सरकाघाट क्षेत्र के हवाणी वार्ड के बन-लुहारडी गांव में भूस्खलन होने से दो मंजिला मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। हादसे में परिवार के तीन सदस्य बाल-बाल बचे।
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 31 जुलाई तक 173 लोगों की मौत हो गई, जबकि 281 घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। 78 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,766 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,313 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,410 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,626 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
बता दें कि प्रदेश में 20 जून से 31 जुलाई तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। इस अवधि में 357 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस वर्ष 391 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। किन्नौर, चंबा, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई।