
एचआरटीसी बसों में निशुल्क, रियायती यात्रा करने के लिए बनाना होगा अब हिम कार्ड
पोल खोल न्यूज़। शिमला
एचआरटीसी की बसों में निशुल्क और रियायती यात्रा की सुविधा के लिए अब लोगों को 200 रुपये देकर हिम बस कार्ड बनाना अनिवार्य होगा। इस कार्ड के बिना लोगों को निगम की बसों में निशुल्क और रियायती यात्रा नहीं कर सकेंगे। बता दें कि वीरवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी की छूट दे रखी है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों बसों में निशुल्क सुविधा है। इन्हें भी यह कार्ड बनाने होंगे। हर साल यह कार्ड 150 रुपये देकर रिन्यू करना होगा। बीओडी की मंजूरी के बाद इस मामले को कैबिनेट लाया गया था। लाभार्थियों को तीन महीने के भीतर यह काॅर्ड बनाना होगा।
वहीं, सरकार का मानना है कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की पहचान को लेकर यह फैसला लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई है कि निगम की बसों में पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के यात्री भी बस पास बनाकर निशुल्क सफर का लाभ उठा रहे हैं। इससे परिवहन निगम को घाटा सहन करना पड़ रहा है। हिमाचल के लोग ही इस निशुल्क सुविधा का लाभ ले सके। इसके चलते लोगों को पहचान साक्ष्य अनिवार्य किया गया है।
इस कार्ड को बनाने के लिए एचआरटीसी कार्यालय में प्रूफ भी देना होगा। हिमाचल प्रदेश में इस समय 17 विभिन्न कैटेगरी को निशुल्क यात्रा का लाभ दिया गया है। इसमें परिवहन कर्मचारी और रिटायर, दिव्यांग, पुलिस, जेल वार्डर स्वतंत्रता सेनानी और एक सहायक, युद्द विधवाएं, पूर्व विधायक और सांसद, राज्य शिक्षक पुरस्कार विजेता, सरकार से मान्यता प्राप्त संवाददाता, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज आदि शामिल है।
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हिमाचल में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए बाहरी राज्यों से आने वाली मशीनरियां अब परिवहन विभाग में पंजीकृत होंगी। इसके अलावा हिमाचल के जिन लोगों ने पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के नंबर वाली गाड़ी खरीदी है। उन्हें भी पंजीकृत करना अनिवार्य किया गया है। इन वाहन मालिकों से कुल कॉस्ट से 20 फीसदी पंजीकरण शुल्क ली जाएगी।
मंत्रिमंडल ने नियमित अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों को पंजीकृत करने के लिए वन टाइम लैगेसी पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स और बकाया जुर्माने की 50 फीसदी राशि जमा कर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकेंगे। यह नीति अधिसूचना की तिथि से तीन माह तक लागू रहेगी। एक अनुमान के अनुसार, राज्य में ऐसे लगभग 27,095 बड़े वाहन हैं जो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
कांगड़ा में दस लघु खनिज खदानों की नीलामी और जिला बिलासपुर में 11 खदानों की पुनर्नीलामी को मंजूरी दी गई। इससे प्रदेश के राजस्व में 18.82 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे अवैध खनन पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।