Pol Khol News Desk | Hamirpur
देश और दुनिया में 25 दिसंबर का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। परीक्षाओं और इंटरव्यू में ऐतिहासिक घटनाएं पूछी जाती हैं। इसलिए आज हम आज के इतिहास के बारे में जानेंगे।
भारत और विश्व इतिहास में 25 दिसंबर की प्रमुक घटनाएं इस प्रकार है : –
1763 भरतपुर के महाराजा सूरजमल की हत्या।
1771 मुगल शासक शाह आलम द्वितीय मराठों के संरक्षण में दिल्ली के सिंहासन पर बैठे।
1861 महान स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक मदन मोहन मालवीय का जन्म।
1872 संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित गंगानाथ झा का जन्म।
1876 पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म।
1878 डॉक्टर चार्ल्स ड्राईस्डेल ने एक लेख लिखकर सबसे पहले तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया।
1892 – स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी में समुद्र के मध्य स्थित चट्टान पर तीन दिन तक साधना की।
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1918 मिस्र के सैन्य अधिकारी और राजनेता अनवर सादात का जन्म।
1924 पहला अखिल बारतीय कम्युनिस्ट कांफ्रेंस कानपुर में संपन्न हुआ।
1924 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ।
1946 ताईवान में संविधान को अंगीकार किया गया।
1947 पाकिस्तानी सेना ने झनगड़ को कब्जे में लिया।
1962 सोवियत संघ ने नोवाया जेमल्या क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया।
1972 भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागालाचारी का निधन।
1974 रोम जा रहे एयर इंडिया के विमान बोइंग 747 का अपहरण।
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1977 हालीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता चार्ली चैपलिन का निधन।
1978 वियतनाम ने कंबोडिया में खमेर रूज के खिलाफ एक बड़ा आक्रमण शुरू किया।
1994 पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का निधन।
1998 रूस एवं बेलारूस ने एक संयुक्त संघ बनाये जाने संबंदी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
2002 चीन और बंगलादेश के बीच रक्षा समझौता।
2005 मारीशस में 400 वर्ष पूर्व विलुप्त डोडो पक्षी का दो हजार वर्ष पुराना अवशेष मिला।
2008 भारत के द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गये चन्द्रयान-1 के 11 में से एक पेलोडर्स ने चन्द्रमा की नई तस्वीर भेजी।
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2012 दक्षिणी कजाकिस्तान के शिमकेंट शहर में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई।
2021 में नासा ने अंतरिक्ष में सबसे बड़ा ऑप्टिकल टेलीस्कोप, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लॉन्च किया।
क्रिसमस का त्योहार
क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। हर साल 25 दिसंबर को भारत समेत पूरी दुनिया में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। दिसंबर महीना शुरू होते ही लोग क्रिसमस के लिए तैयारियों में जुट जाते हैं। लोग अपने-अपने घरों को सुंदर तरीके सजाते हैं। इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं, कैंडल जलाते हैं, घर में क्रिसमस ट्री सजा कर प्रार्थना करते हैं और केक काटते हैं। इसके अलावा तमाम तरह की डिशेज बनाकर और पार्टी करके इस त्यौहार को मानते हैं। साथ ही इस दिन छोटे बच्चों को अपने सांता क्लॉज का इंतजार रहता है।
प्रभु यीशु मसीह की जन्म तिथि को लेकर कई मतभेद देखे जाते हैं। हालांकि ईसाई धर्म की कुछ मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है। मान्यता है कि यीशु मसीह ने इसी दिन मरियम के घर जन्म लिया था। मरियम को एक सपना आया था। इस सपने में उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी। इस सपने के बाद मरियम गर्भवती हुईं और गर्भावस्था के दौरान उनको बेथलहम में रहना पड़ा। कहा जाता है कि एक दिन जब रात ज्यादा हो गई, तो मरियम को रुकने के लिए कोई सही जगह नहीं दिखी। ऐसे में उन्होंने एक ऐसी जगह पर रुकना पड़ा जहां पर लोग पशुपालन किया करते थे। उसी के अगले दिन 25 दिसंबर को मरियम ने यीशु मसीह को जन्म दिया।
यीशु मसीह के जन्म स्थल से कुछ दूरी पर कुछ चरवाहे भेड़ चरा रहे थे। कहा जाता है कि भगवान स्वयं देवदूत का रूप धारण कर वहां आए और उन्होंने चरवाहों से कहा कि इस नगर में एक मुक्तिदाता का जन्म हुआ है ये स्वयं भगवान ईसा हैं। देवदूत की बात पर यकीन करके चरवाहे उस बच्चे को देखने गए।